Lockdown – आत्ममंथन – Part 2
और फिर… एक अहसास कहीं गहरे तक हो गया कि सब कुछ बदल गया है। हमें भी बदलना होगा। मन और स्थितियों से तालमेल बिठाने की कोशिश की। एकांत… में बैठकर कुछ पलों के लिए सोचा, इस स्थिति से हम बाहर कैसे निकल सकते हें। एक सकारात्मक सोच… इसको बार-बार दोहराया। सबसे अधिक मैं अपनी सैर करने लगी जो प्रतिदिन का नियम था। खूबसूरत हल… मैंने इसका हल निकाला। एक बैग लिया उसमें अपनी किताबें, पेन, कॉपी, पानी की बोतल और आई-पैड। तैयार हो गई जैसे कहीं बाहर जाने के लिए होते हैं। अपनी सबसे ऊपर की छत पर जाने लगी।
खुला आसमान… हरे-भरे पेड़, पक्षियों की चहचहाट। सच! सब बहुत सुंदर लग रहा था। कुछ किताबें पढ़ीं और कविताएं लिखीं। संगीत सुना एक घंटे के लिए सैर की। सचमुच इतने दिनों का तनाव मानों छंग गया हो। दूर कसौली की सुंदर पहाड़ियां दिख रही थीं। सब कुछ सुंदर मन को सुकुन देने वाला था। कभी सोचा भी न था कि इस स्थान को छत को हम इतना प्रयोग कर सकते हैं।
कुदरत को देखना बहुत सुखद लग रहा था। कुछ पलों के लिए महसूस हो रहा था मानों कुछ भी न हुआ हो, जिंदगी की भागदौड़ में इतनी व्यस्त थी कि ये सब देखने का मौका ही न मिला।
नीली… हरी… और भी न जाने कितनी प्रकार की चिड़ियां मैंने देखीं, जिनको कभी भी पहले नहीं देखा था। इतनी सुंदर चहचहाट कभी नहीं सुनी थी। शायद… कुदरत भी अपने आप से मिलवाना चाहती थी। कुछ तो है वायरस? परंतु शायद कोई अनजानी शक्ति, जिसने सारे ब्रह्मांड की गति को रोक दिया। कुदरत को देखकर मन का तनाव थोड़ा-थोड़ा कम होने लगा। पहली बार अनुभव किया, प्रकृति अपना रूप प्रतिदिन बदलती है। कभी बादल आते, कभी छंट जाते, कभी घने हो जाते। प्रकृति हमें अपने साथ कितनी गहनता से जोड़ लेती है। बहुत गहराई से जाना कि प्रकृति हमारी पीड़ा को कैसे कम कर देती है। तनाव का छंट जाना और प्रकृति में खो जाना बहुत नया-सा अनुभव था।
नीला आकाश और सफेद बादल पक्षियों के उड़ते हुए काफिले सब कुछ कल्पना-सी लग रही थी।
और फिर… अपने आप से सवाल? आखिर हम कुदरत की इन सब चीजों को पहले क्यों नहीं देख पाये? और इस सवाल के साथ मन नई तरह सोचने लगा।
कुदरत ‘मन’ सकारात्मक सोच…।
Rajni Pathak
Very nice
Alka
आपने एकदम ठीक कहा नीना जी । ज़िंदगी की भागदौड़ में हम प्रकृति से बहुत दूर होते जा रहे थे । शायद प्रकृति ने हमें अपने से जोड़ने का यह मौक़ा दिया है ।मनुष्य को कुछ सिखाने के लिए ही ईश्वर सब कुछ करता है ।