Lockdown – आत्ममंथन 14 प्रत्येक नासमझी और गलती का एक सिरा हमेशा आरंभ में छोटा होता है और कोई भी गलती बड़ी तभी बनती है जब उसे छोटी से ही संभाल न लिया जाये। चीजों के साथ या घटनाओं के साथ गलती बहुत …
Lockdown – आत्ममंथन 13
Lockdown – आत्ममंथन 13 आजकल जिंदगी कितनी अजीब ढंग से चल रही है। परिस्थितियां बदल गई हैं। हमारा सोचने का, घूमने का, शॉपिंग करने का तरीका बदल गया है। कभी-कभी तो हम इन परिस्थितियों से तालमेल बिठा पा रहे …
Lockdown – आत्ममंथन 12
Lockdown – आत्ममंथन 12 हमारा सकारात्मक होना क्यों जरूरी है। हम कई बार इस शब्द को बस मात्र सुनते हैं लेकिन गहरे तक इतना ज्यादा नहीं सोच पाते। ये शब्द मात्र शब्द नहीं एक अपूर्व भंडार है। हमारी सोच का …
Lockdown – आत्ममंथन 11
Lockdown – आत्ममंथन 11 कभी-कभी मुश्किल चीजों में बहुत आसान उत्तर छिपे होते हैं जो हमारे लिये महत्वपूर्ण और जरूरी भी होते हैं। इसी तरह शायद यह महामारी भी है। कितनी परेशानियां इसके कारण हम सब झेल रहे …
Lockdown – आत्ममंथन 10
Lockdown – आत्ममंथन 10 हम अब धीरे-धीरे इसी तरह जीने के अभ्यस्त होने लगे हैं चेहरे पर मास्क, सेनेटाइजर और हर किसी से एक निश्चित दूरी। शायद जिंदगी और वक्त हमें बहुत कुछ सिखा देते हैं, जिसका हमने कभी …
Lockdown – आत्ममंथन 9
Lockdown – आत्ममंथन 9 नया वर्ष 2020 के कुछ महीनों बाद ही सारी स्थितियां बदलने लगीं। सभी कहने लगे कि यह साल बहुत बुरे ख्वाब लेकर आया है। लेकिन क्या दिन, महीना या किसी वर्ष का इसमें कोई दोष होता है। …