Lockdown – आत्ममंथन 8 इस तरह घर के अंदर रहते हुए हमें दो महीने से ज्यादा हो गये हैं। कभी-कभी तो विश्वास नहीं होता कि हम सभी सुख-सुविधाओं से दूर घर की दहलीज तक सीमित हो गये हैं। एक डर… एक …
Lockdown – आत्ममंथन 7
Lockdown – आत्ममंथन 7 इस महामारी की विकट स्थिति ने हमें कितना कुछ सीखा दिया है, अपने आपको परखने का मौका दिया है। अंधी दौड़ में थोड़ा रुककर, थमकर सोचने का मौका दिया है। बेवजह भागना… सबसे आगे निकलने की …
Lockdown – आत्ममंथन 6
Lockdown – आत्ममंथन 6 लॉकडाउन को आरंभ हुए 45 दिन हो गये हैं। कहीं दिमाग के कोने में एक बात उभर कर सामने आ रही है कि क्या हम पहले की तरह जिंदगी जी पायेंगे? क्या इस तरह शाम को कहीं घूमने निकल सकेंगे, …
Lockdown – आत्ममंथन 5
Lockdown – आत्ममंथन 5 जब भी कभी हम ज़िंदगी में बहुत तेज गति से चल रहे होते हैं और अचानक सामने कोई बाधा आ जाती है तो हम संभल नहीं पाते और बुरी तरह से गिर जाते हैं। अगर हम सहज गति से चलते हैं और किसी …
Lockdown – आत्ममंथन 4
Lockdown – आत्ममंथन 4 कायनात में…कितनी सुंदरता बिखरी पड़ी है, कितना कुछ है देखने को। अब जब हम व्यस्तभरी जिंदगी से घर पर ठहर गए हैं, सब कुछ थम-सा गया है तो अपने आसपास की सुंदरता को देख पा रहे …
My Visit To John Keats House – London
John Keats a famous English Poet he was born on October 31, 1795, in London. He wrote many good poems as Ode to a nightingale ..To autumn ...la belle dame sans merci which means the beautiful …
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